कार्तिक मास की अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर की दोपहर तीन बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर की शाम पांच बजकर 54 मिनट तक रहेगी। लेकिन चूंकि दीपावली रात में मनाई जाती है, इसलिए 20 अक्टूबर की रात को ही लक्ष्मी पूजन करना श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि प्रदोष काल में पूजा से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
दिवाली की पौराणिक कथाएँ

1. श्रीराम की अयोध्या लौटना
भगवान श्रीराम ने 14 वर्ष का वनवास काटने के बाद रावण का वध कर अयोध्या लौटे। उनका स्वागत दीपों की ज्योति से किया गया। इसलिए उसी स्मरण में दीपावली मनाई जाती है।
2. समुद्र मंथन और लक्ष्मी प्रकट
ज्योतिवादों में कहा गया है कि समुद्र मंथन के बाद माता लक्ष्मी प्रकट हुईं। इसलिए इस दिन उन्हें पूजा के माध्यम से सम्मानित किया जाता है।
3. नरकासुर वध
एक कथानुसार, भगवान विष्णु ने नरकासुर नामक असुर का वध किया। इस दिन को नरक चतुर्दशी कहा जाता है — बुराई पर विजय का प्रतीक।
4. ज्ञान और प्रकाश की विजय
दीप, मोमबत्ती और वनमाला आदि से रोशन करना इस विश्वास का प्रतीक है कि ज्ञान अज्ञान, शांति अशांति, और अच्छाई बुराई पर विजय पा सकती है।
ये कथाएँ यह सिखाती हैं कि दिवाली केवल बाहरी रोशनी का त्योहार नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागृति, शुद्धि और नवीकरण का पर्व है।
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दिवाली 2025 में क्यों खास?
- दो दिवसीय अमावस्या: इस वर्ष अमावस्या दो दिन बनी है — 20 अक्तूबर दोपहर से शुरू और 21 अक्तूबर शाम तक। इसलिए दिवाली मनाने की सही तिथि का चयन करना महत्वपूर्ण है।
- शुभ मुहूर्त: इस वर्ष लक्ष्मी पूजा का अनुकूल समय (मुहूर्त) शाम 7:08 बजे से 8:18 बजे तक माना गया है।
- समय का प्रबंधन: क्योंकि अमावस्या दो दिन तक है, कई लोग सुबह पूजा कर सकते हैं, लेकिन श्रेष्ठ समय में पूजा अधिष्ठित मानी जाएगी।

दिवाली की तैयारी: बेहतर योजना, अनुष्ठान और सजावट
घर की सफाई और संयोजन
- त्योहार से पहले घर को पूरी तरह साफ़ करें — दीवारों का रंगमोंदन, फर्श की धोई आदि
- फर्नीचर की जगहों को व्यवस्थित करें ताकि पूजा स्थान स्वच्छ और खुला हो
- दीये लगाएं, रंगोली तैयार करें, बंदनवार एवं तोरण लगाएं
सजावट की आधुनिक एवं पारंपरिक कला
- मिट्टी या मिट्टी के दीये
- LED स्ट्रिप लाइट्स या fairy lights
- ग्लास लैम्प, कटआउट डिज़ाइन
- रंगीन फूल, माला, ।
- Eco-friendly सजावटी सामान — कागज, बांस, पुनः उपयोग हो सकने वाले सामग्रियाँ
फूल, गंध और प्रकाश
मालाएं, गुलाब, चमेली, और अन्य सुगंधित फूल लगाने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। अगरबत्ती, धूप, कपूर का उपयोग करें।
पूजा विधि और मंत्र (लक्ष्मी‑गणेश पूजा)
आवश्यक सामग्री:
- मूर्ति / प्रतिमा: माँ लक्ष्मी, गणेश एवं कुबेर
- कलश, स्वास्तिक चिन्ह, पान, सुपारी
- हल्दी, कुमकुम, चावल, अक्षत
- फूल, दीपक, घी, नैवेद्य (मिठाई, फल)
- धन (सिक्के, नोट्स)
पूजन क्रम (संक्षिप्त रूप)
- पूजा स्थान को स्वच्छ करें और सफाई रखें
- कलश स्थापित करें तथा स्वास्तिक चिन्ह बनाएं
- लक्ष्मी, गणेश और कुबेर की प्रतिमाओं की स्थापना
- दीपक जलाएं और सुगंधित धूप करें
- मंत्रों का जाप: “ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः”
 गणेशावतार मंत्र आदि
- तिलक, प्रसाद, फल और मिठाई अर्पित करें
- धन पूजा — सिक्के / नोटों से पूजन
- आरती करें और प्रसाद बांटें
पूजा के बाद परिवार और मित्रों को शुभकामनाएँ दें और मिठाई व उपहार साझा करें।
में क्या करें और क्या न करें
✅ करें:
- Eco-friendly दिवाली मनाएं — हल्के और प्रदूषण रहित पटाखे
- बुज़ुर्गों, जरूरतमंदों, अनाथों को मिठाई, वस्त्र दान करें
- बच्चों को सुरक्षित पटाखे दें (यदि उपयोग करते हों)
- सांप्रदायिक कार्यक्रमों में भाग लें, समाज में मेलजोल बढ़ाएं
- घर और आसपास साफ-सफाई रखें
❌ न करें:
- अत्यधिक प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों का उपयोग न करें
- प्लास्टिक आधारित सजावट, फाइलिंग्वाले फटाके न उपयोग करें
- पूजा समय की अनदेखी न करें — समयानुकूल विधि का पालन करें
- धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला व्यवहार न करें
- अनावश्यक उत्पत्तियाँ न करें — ऊर्जा, जल की बरबादी

- रंगोली प्रतियोगिता — पारंपरिक या अभिनव डिजाइन
- दीप निर्माण कार्यशालाएँ — मिट्टी, मोम, धातु से
- समुदाय दीप प्रज्ज्वलन — मोहल्ले या कॉलोनी में
- संझा सांस्कृतिक कार्यक्रम — नृत्य, गीत, नाटक
- उत्सव ऑनलाइन — सोशल मीडिया लाइव, शुभकामनाएं, प्रतियोगिताएँ
दिवाली और पर्यावरण: सावधानी अत्यंत ज़रूरी
पटाखों के धुएँ और रसायन वायु में प्रदूषण बढ़ाते हैं। एक अध्ययन ने दिल्ली में दिवाली के दौरान PM2.5 स्तर में 16 गुना वृद्धि दर्ज की।
- कृपया eco-friendly पटाखे, बायोडिग्रेडेबल सजावट, कम ध्वनि वाले लाइट शो आदि अपनाएँ
- दीये या LED लाइट्स का अधिक उपयोग करें
- पटाखे जलाने के बाद कचरा तुरंत साफ करें
लक्ष्मी पूजा के बाद: शुभ कार्य और उपहार
- पूजा के बाद प्रसाद बांटना, मित्रों और परिवार को उपहार देना शुभ माना जाता है
- सोना-चाँदी, कपड़े, मिठाई, दीये आदि उपहार के रूप में उपयोग करें
- डिजिटल उपहार — ई-वाउचर, ऑनलाइन ग्रीटिंग्स
- साझा भोजन या भोजन दान — जरूरतमंदों को भोजन देना
दिवाली 2025 की हार्दिक शुभकामनाएँ!
आपका त्योहार मंगलमय हो, सुख, समृद्धि और प्रेम से भरा हो।
 
					